असली प्राकृतिक सुंदरता का खजाना  तो गोवा के आगे Gokarn के  समुद्र तटों की यात्राओं में है  
Gokarn  

असली प्राकृतिक सुंदरता का खजाना  तो गोवा के आगे Gokarn के  समुद्र तटों की यात्राओं में है  

Gokarn  जैसे  टूरिस्ट स्पॉट जहां आपको शांति और सुकून देते हैं वही कुछ नया एडवेंचर भी मिलता है

टूरिस्ट जो भी गोवा तक जाते हैं  वे यहॉं घूम कर लौट आते हैं.लेकिन असली प्राकृतिक सुंदरता का खजाना  तो गोवा के आगे समुद्र तटों की यात्राओं पर  आता है. छोटे-छोटे टूरिस्ट स्पॉट जहां आपको शांति और सुकून देते हैं वही कुछ नया एडवेंचर भी मिलता है

कोकण  रैल  ट्रैक पर मडगांव  स्टेशन के आगे जैसे ट्रेन चलती है लंबी-लंबी  टनल आती है .जिनमें सबसे लंबी  कारबडे  सुरंग भी है. पहाड़ों को पार करते हैं  सुरंगों के माध्यम से उसके बाद  कारवार शहर आता है. कारवार शहर से  शुरू होने वाली  यात्रा  अत्यधिक मनोहरी होती है.

दोनों और लंबे-लंबे खेत,हरे भरे मैदान.  केले व नारियल के वृक्ष.एक ऐसी यात्रा करवाते हैं जिसमें ऐसा लगता है कि किसी फूलों के बगीचों  से गुजरती हुई  रेल का मानों कोई  चित्रकार  पेंटिंग  बना रहा हो और  आप उसको  अपडेट  करते जा रहे हो.

ऑफिस के दो मित्र संजय ललित व  एस  के  उज्जैनिया के  साथ हम यात्रा में सुबह  7.00 बजे के लगभग Gokarn  के छोटे से स्टेशन पर उतर गए. स्टेशन की बनावट दक्षिणी स्थापत्य कला के अनुरूप लग रही थी,लगा मालीगुड़ी डेज सीरियल में दिखाए गए  किसी स्टेशन पर उतरे हैं. ट्रेन हम लोगों को उतार कर आगे निकल गई.शांत स्टेशन अगली ट्रेन के इंतजार में था.हम लोगों ने उतरकर  स्टेशन  के  स्टाल पर ही बनी हुई कॉफ़ी पी .फ्रेश होकर Gokarn की  ओर चल पड़े.

 स्टेशन से  Gokarn  10 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर है.

यहॉं से हर प्रकार के  साधन गोकर्ण जाने के लिए मिल जाते हैं, चल पड़े जो गोकर्ण की तरफ.सुबह-सुबह का समय और एकदम पतली सी सड़क के दोनों और  लकदक हरियाली ,कतारबद्ध  केले के बृक्ष  मानो हमारा स्वागत करते प्रतीत  हो रहे  थे.

Gokarn  कर्नाटक का एक छोटा सा क़स्बा हैं. यहां पर दो-तीन अच्छे सुंदर साफ सुथरे  बीचेस  हैं. शहर के बीचों बीच भगवती मां का मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित एक विशाल मंदिर है.

दोपहर बाद Gokarn   भ्रमण के लिए निकले यहां के ओम बीच और एक अन्य बीच पर गए. मंदिर दर्शन किए ,वापस बीच  फेसिंग  होटल पर आ गए. मंद -मंद बहती  हवाओं के  साथ  अठखेली  करती  समुद्र की लहरों के साथ  बीच  पर  चहल कदमी करते समय  बिताया. आकर्षक सनसेट   होते  देखा.  अवचेतन मन में  जिंदगी कैसी है पहेली गीत गूंज रहा था.

Gokarn  कैसे जाएँ

गोकर्ण जाने के लिए मडगांव  गोवा  जाना होगा . यहाँ से गोकर्ण के लिए कई ट्रेन मिलती है . दो से तीन घंटे का सफर है . यहाँ का भोजन साउथ इंडियन व  स्वादिष्ट है . शनिवार ,इतवार और पूर्णिमा व अमावस वाला दिन अवॉयड करे या जाये तो होटल की  प्री बुकिंग कर के जाएँ.

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