भारत चीन बॉर्डर से लगे तवांग को नॉर्थ ईस्ट का स्वर्ग कहा जाता है, तवांग Tawang में क्या है विशेष आइए जानते हैं..
Tawang ; भीड़भाड़ वाली जगह से बचना चाहते हैं तो प्राकृतिक रूप से बहुत ही खूबसूरत व गर्मियों में एकदम ठंडा (Tem. on 7 jun-24 is 18/10 ) रहने वाले Twang की यात्रा करिए. Tawang भारत के अरुणाचल प्रदेश प्रांत का एक खूबसूरत शहर है.छुपे हुए स्वर्ग के नाम से यह पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है. पर्यटक Tawang में खूबसूरत पहाड़ों की चोटियाँ ,छोटे-छोटे ग्रामीण इलाके,शांत झील और बहुत कुछ प्रकृति के रंग देख सकते हैं.
इन सबके अलावा यहां पर धर्म और इतिहास का मिश्रण देखा जा सकता है.Tawang का नामकरण एक लामा ने किया था यहां पर मोनपा जनजाति के आदिवासी लोग रहते हैं.यह लोग पत्थर और बांस के बने घरों में रहते हैं. 10000 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है.
तवांग में क्या देख सकते हैं – what can you see in tawang
चीन बॉर्डर से लगा Tawang आए दिन चीन की चालों के कारण चर्चा में बना रहता है.चर्चा के अलावा Tawang अपनी खूबसूरती और शांति के लिए जाना जाता है. नॉर्थ ईस्ट का इसे स्वर्ग कहा जाता है. जादुई गोम्पा बर्फीली चोटियां ,छोटी-छोटी नदियां ,झरनों की गूंज, सरोवरों की शांति, और प्रकृति ने Tawang को सब कुछ दिया है.
यहां देखने लायक प्रमुख स्थान में Tawang का बौद्ध भिक्षुकों का मठ जो 10000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है .यहां से Tawang Vally अत्यंत ही मनोहारी नजर आती है. संगेश्वर झील जिसे माधुरी दीक्षित झील भी कहा जाता है. माधुरी दीक्षित झील का नामकरण यहां पर हुई कोयला फिल्म की शूटिंग के कारण पड़ा. नोरनाग झरना Tawang से कोई 80 किलोमीटर दूर है.यह देश के सबसे शानदार झरनों में से एक है.लगभग 100 मीटर की ऊंचाई से यहां पर पानी गिरता है.
सेला पास अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए लाइफ लाइन है यह एकमात्र रास्ता है जो Tawang को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. सेला दर्रा हमेशा बर्फ से ढका रहता है इसलिए इसका आकर्षण अधिक है. युद्ध स्मारक Tawang से 25 किलोमीटर दूरी पर है.यह 1962 के भारत चीन युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले 2140 भारतीय सैनिकों की स्मृति में निर्मित किया गया है
कैसे पहुंचे तवांग – How To Reach Tawang
Tawang में एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. Tawang सड़क के रास्ते ही जाया जा सकता है. Tawang का सबसे करीबी एयरपोर्ट असम का तेजपुर एयरपोर्ट है. जो यहां से करीब 325 किलोमीटर की दूरी पर है. तेजपुर एयरपोर्ट के अलावा Tawang जाने के लिए गुवाहाटी एयरपोर्ट के लिए भी फ्लाइट पकड़ सकते हैं. गुवाहाटी से Tawang 450 किलोमीटर की दूरी पर है.दोनों स्थान से Tawang अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए प्राइवेट बस व राज्य परिवहन की बसें मिलती है. प्राइवेट टैक्सी भी की जा सकती है.
Tawang का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन तेजपुर के पास स्थित रंगपर रेलवे स्टेशन है जो यहां से 325 किलोमीटर की दूरी पर है. गुवाहाटी पहुंचकर Tawang की यात्रा आसानी से की जा सकती है. गुवाहाटी हवाई मार्ग एवं रेल मार्ग से दिल्ली, मुंबई कोलकाता, भोपाल, indore आदि स्थानों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. यंहा से कई ट्रेनें सीधी गुवाहाटी पहुंचती है. जो लोग अफोर्ड कर सकते हैं वह गुवाहाटी तक हवाई मार्ग से पहुंच कर बाद की यात्रा प्राइवेट टैक्सी में ,बस से कर सकते हैं.
पर्याप्त समय पूर्व आरक्षण करवाने पर दिल्ली से गुवाहाटी का प्लेन का टिकट 5 – 6 हजार रु लगता है. ट्रैन थर्ड ac का 3200 से 3500 और स्लीपर का किराया 1000 से 1200 रु है.
तवांग में कहां ठहरे, क्या खाएं – Where to stay in Tawang and what to eat
तवांग में कई होटल , रिसोर्ट व होम स्टे मिल जाते है make my trip , Booking.com , Airbnb पर एडवांस में बुक कर सकते है . यहीं पर नार्थ इंडियन खाना भी उपलब्ध रहता है . चेंज के लिए लोकल फ़ूड भी Try कर सकते है .
तवांग जाने के लिए परमिट जरूरी – Permit required to go to Tawang
Tawang अरुणाचल जाने के लिए भारतीय नागरिकों को इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता होती है.यह परमिट 14 दिन की अवधि के लिए दिया जाता है.परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन अरुणाचल प्रदेश टूरिज्म की वेबसाइट https://arunachaltourism.com पर कर सकते है. गुवाहाटी एयरपोर्ट पर भी तत्काल परमिट जारी किए जाते हैं.
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