Malwa mp की भाषा में एक अनछुई मिठास है छू लो तो मैली हो जाये ऐसी
मीठी बोली में यहां के मीठे व्यंजनों की तरह कहावते छिपी हुई है. भाषा में मीठी चेतावनी किस तरह दी जाती है, यह Malwa और मालवी लोगों से सिखने लायक हैMalwa में जब भी कोई घर का युवा या कर्ताधर्ता किसी शुभकाम से बाहर जाया करता है तो वह मां के पाँव पड़ कर जाता है.
उसकी माँ जाते समय आशीर्वाद के साथ-साथ यह कहा करती है कि नाना बायर जई रियो है तो ध्यान राख़ जे, थोड़ो नमतो धमतो रीजे
इस कहावत में कितनी गहरी बात छुपी है .यह आप इसकी व्याख्या करके ही समझ सकते हैं.व्यक्ति चाहे कितना ही बड़ा हो,चाहे कितना बहादुर हो, बलशाली हो लेकिन दूसरी जगह या विदेश में जाकर उसे वहाँ की स्थिति के अनुकूल होना पड़ता है.
सीधे अकड़ में यदि उसने कोई कदम उठाया. किसी से गरूर में बात की तो अनर्थ हो सकता है. इसी अनर्थ को बचाने के लिए मातायें Malwaकी मीठी हिदायत दिया करती थी.
नमते -धमते का मतलब विनम्रता से है
जब भी आप यात्रा में जा रहे हैं तो सह यात्रियों से,नए शहर के लोगों से विनम्रता से पेश आये. यदि कुछ बात बुरी भी लगती है तो उसको हंस कर टाल देने में ही भलाई है.आप कितने ही बड़े पहलवान हो अंजान शहर में तो कुछ नही है.किसी से गर्मी में बात करेंगे तो निश्चित रूप में अपमानित होना पड़ेगा.
इसलिए कहा गया है कि बाहर यदि कहीं छोटा अपमान हो भी जाता है तो उसे नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ जाना चाहिए,इसी में भलाई है. गुरुर में घर से बाहर निकले नहीं कि अगले ही चौराहे पर किसी से भिड़ंत तय है.
अपने शहर में कडक भुट्टे भी रहे तो चल जाता है.चार लोग बीच बचाव करने वाले आ जाते हैं.लेकिन यदि आप किसी अन्य शहर या देश में जाकर इस तरह का बर्ताव करते हैं तो निश्चित रूप से दुर्घटना की संभावनाएं अधिक होती है. कई बार देखा गया है कि बड़े बड़े तुरर्मखान बाहर कुटा कर आ गएऔर घर में किसी से कहने के भी नही रहे.
रेल यात्रा में अकड़ के कारण यात्री आपस में अनावश्यक रूप से लड़ जाते हैं. कई बार इतनी खतरनाक मारपीट होती है कि वर्षों तक याद रहती है.इसकी जगह यदि कोई एक पार्टी ही समझ जाए या समझने वाली मुद्रा में आ जाए तो निश्चित रूप से सफर आसान हो जाता है.बस इसी को Malwa की मीठी मालवी में नमते -धमते कहा गया है.
आप बाहर जा रहे हैं और घमंड साथ जा रहा है तो भगवान ही मालिक है. कई बार ऐसी घटनाएं होती है जिनके बारे में आपने सोचा भी नहीं हो.आजकल होने वाले सड़क के झगड़ों में तो कई बड़ी हस्तियां मारपीट में घिर गई है.वर्षों पहले हुइ नवजोत सिंह सिद्धू की ओवरटेक की लड़ाई में उन्हें वर्षो बाद जेल भुगतना पड़ी.
Malwa के घरों में बुजुर्ग एक कहानी सुनाया करते थे
एक बार जबान और दातों के बीच जंग हो गई.दांतों ने एका करके कहा कि जबान तेरी क्या औकात है . हम 32 मिलकर तेरे को चाब जाए तो फरियाद किसके पास लेकर जाएगी.जबान भी कम नहीं पड़ती थी.उसने उत्तर देते हुए कहा कि मैं अकेली हूं लेकिन तुम सब पर भारी हूँ.
किसी एक दिन उल्टी चल गई तो क्षणभर में बत्तीसों गिर जाओगे .एक छोटी सी कहानी कितना बड़ा संदेश दे जाती है. इससे स्पष्ट होता है जबान ही वह चीज है जो बड़े-बड़े जंग करवाती है.
द्रोपदी के द्वारा दुर्योधन पर किए हुए व्यंग अंधे की औलाद अंधे ने महाभारत करवा दी थी. Malwaकी कहावत नमता-धमता रिजो को हमेशा याद रखें, आत्मसात कर ले तो बड़े-बड़े किले फतह करने में आसानी होगी .
इस संदर्भ में एक रेल यात्रा का किस्सा याद आता है. एक परिवार Malwa के इंदौर से निकला,दूसरा से कोटा से बैठा.जाना दोनों को दिल्ली था. सीट को लेकर कुछ ऐसा बवाल मचा की दोनों में खूब लड़ाई हुई. दोनों ही दलों में महिला पुरुषों ने इस लड़ाई में जम कर हिस्सा लिया.
मारपीट होते होते बची. कोटा के आगे चार पांच स्टेशन निकले,धीरे-धीरे माहौल नॉर्मल हुआ और बातचीत की स्थिति तक पहुंच गए. बात चली तो पता लगा कि इंदौर की जो पार्टी दिल्ली में लड़की देखने जा रही थी वह उन्ही के घर जा रही थी जो कोटा से चढ़े थे. दोनों में से कोई एक नम जाता तो बात यंहा तक नही पंहुचती.
कहां तो संबंध जोड़ने जा रहे थे कहां मारपीट की नौबत आ गई. इसलिए बुजुर्गों की सलाह को ध्यान में रखते हुए जब भी टूर पर निकले थोड़ी विनम्रता अपने बैग में जरूर रख लें .
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