Baglamukhi mata
तांत्रिक पीठ है नलखेड़ा का  Baglamukhi mata  मंदिर 

तांत्रिक पीठ है नलखेड़ा का Baglamukhi mata  मंदिर 

Baglamukhi mata की नवरात्रि में 9 दिन आराधना होती है

रक्षाबंधन के बाद त्योहारों का सिलसिला चलेगा .हिंदू त्योहारों में सबसे बड़ा नवरात्रि का समय आता है .नवरात्रि में बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग शक्तिपीठों पर दर्शन के लिए जाते हैं .लोग वैष्णो देवी, ज्वाला देवी ,नैना देवी ,कामाख्या आदि तांत्रिक महत्व के शक्तिपीठों पर जाकर पूजन -दर्शन करते हैं.

मध्य प्रदेश के आगर जिले में नलखेड़ा नामक स्थान पर मां Baglamukhi mata विराजती है .यहां पर तांत्रिक शक्तिपीठ होने से तेजी से इस स्थान की  लोकप्रियता बढ़ती जा रही है .

यहां पर नवरात्रि चाहे वह शारदीय नवरात्रि हो या चैत्री दोनों ही अवसर पर बड़ी संख्या में  लोग पूजन दर्शन करते हैं .तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर  बगलामुखी  माता को प्रसन्न कर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने का प्रयास करते हैं.

Baglamukhi mata  मंदिर नलखेड़ा कैसे पहुंचे

नलखेड़ा आगर जिले की तहसील है .यह इंदौर व उज्जैन से और राजस्थान के जयपुर कोटा से हाईवे से सीधा जुड़ा हुआ है .निकटतम रेलवे स्टेशन उज्जैन है और निकटतम हवाई अड्डा इंदौर का देवी अहिल्या एयरपोर्ट है. इंदौर – उज्जैन से टैक्सी या बस के द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है

कहां ठहरे

बगलामुखी माता  जिला मुख्यालय आगर से एकदम निकट है. आगर में  ठहरने के लिए अच्छी होटल उपलब्ध है .कुछ अच्छा ज्यादा अच्छी होटल चाहिए तो उज्जैन – इंदौर में मिल जाती है .मालवा का शुद्ध सात्विक भोजन भी हर जगह उपलब्ध होता है.

भारत में  Baglamukhi mata  के तीन शक्ति पीठ है

बगलामुखी माता के सभी मंदिर ऐतिहासिक माने गए हैं .भारत में प्रमुख रूप से तीन शक्तिपीठ हैं . जहाँ  बगलामुखी  माता विराजित है .इनमें दतिया ,कांगड़ा तथा नलखेड़ा प्रमुख है .यहां देशभर से से और श्रद्धालु व  साधु -संत तांत्रिक पूजन के लिए आते रहते हैं .

माना जाता है कि  बगलामुखी  माता  की साधना करने से युद्ध में विजय होती है .शत्रुओं का नाश होता है ,वाक् सिद्धि प्राप्त होती है .कहते हैं कि नलखेड़ा में कृष्ण और अर्जुन ने महाभारत के युद्ध के पहले  बगलामुखी  माता  की आराधना की थी.

नलखेडा जाये  तो  रास्ते में  बैजनाथ  बाबा  के  दर्शन  भी करें

आगर शहर राजस्थान से लगा हुआ पश्चिमी mp  मे है. शहर से पांच किलोमीटर दूर अत्यंत मनोरम स्थल पर भगवान शिव का ऐतिहासिक बैजनाथ महादेव मन्दिर है . निकट ही बानगंगा नदी जिसका  मूल विराट स्वरुप लुप्त हो गया है बहती है. बैजनाथ महादेव मन्दिर एक चमत्कारिक स्थान है.

इस मन्दिर से British colonel  Martin और आदरणीय  वकील जयनारायण बापजी की कथा जुडी हुई है कि उनके शिव भक्ति में लीन होने पर स्वयं  भगवान शिव ने उनकी ओर से  कोर्ट  में  पैरवी की . बैजनाथ मन्दिर में  श्रावण मास मे असंख्य भक्तो की भीड़ जुटी रहती है.

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