Colonel Martin England ने 1883 में Agar में बैजनाथ महादेव मंदिर का निर्माण करवाया
क्यों प्रसिद्ध है Agar malwa
आगर शहर राजस्थान से लगा हुआ पश्चिमी mp मे है. शहर से पांच किलोमीटर दूर अत्यंत मनोरम स्थल पर भगवान शिव का ऐतिहासिक बैजनाथ महादेव मन्दिर है . निकट ही बानगंगा नदी जिसका मूल विराट स्वरुप लुप्त हो गया है बहती है. बैजनाथ महादेव मन्दिर एक चमत्कारिक स्थान है.
इस मन्दिर से British colonel Martin और आदरणीय वकील जयनारायण बापजी की कथा जुडी हुई है कि उनके शिव भक्ति में लीन होने पर स्वयं भगवान शिव ने उनकी ओर से कोर्ट में पैरवी की . बैजनाथ मन्दिर में श्रावण मास मे असंख्य भक्तो की भीड़ जुटी रहती है. यंहा आने वाले श्रद्धालु पास मे 20 किलोमीटर दूर नलखेड़ा की बगलामुखी माताजी के मन्दिर जो तांत्रिक महत्व का है के दर्शन हेतु अवश्य जाते है.
कैसे जाये
आगर शहर इंदौर कोटा हाईवे पर स्तिथ है. निकटतम रेलवे स्टेशन उज्जैन है. हवाई अड्डा इंदौर में है.
कँहा रुके, क्या खाएं
आगर मे कई अच्छे बजट होटल है. लग्जरी होटल इंदौर व उज्जैन मे मिल जायेंगे. यंहा से एक दिन की यात्रा मे टैक्सी से आना जाना हो जायेगा. शाकाहारी भोजन सभी जगह उपलब्ध. मालवा का व्यंजन दाल बाटी भी TRY करें.
Colonel Martin की शिव भक्ति : एक कथा
श्रावण का महीना चल रहा है इस मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है .भगवान शिव के मंदिरों में चमत्कारी अनुभव होता है .लेकिन आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे देवस्थान की जहाँ के चमत्कारों का सम्बन्ध आज से कोई 130 वर्ष पहले से जुड़ा हुआ है .यह स्थान अंग्रेज की शिव भक्ति ,अनोखी आस्था की मिसाल प्रस्तुत करता है.
19वीं शताब्दी में भारत में अंग्रेजों का राज्य था .आगर नामक छोटे से स्थान जो आज जिले के रूप में परिवर्तित हो चुका है में कभी अंग्रेजों की छावनी हुआ करती थी . यहां अंग्रेजी सेना की एक टुकड़ी राजस्थान और मालवा पर नजर रखने के लिए अंग्रेजों ने छोड़ रखी थी. इस अंग्रेजी सेना की टुकडी का मुखिया था colonel Martin .
colonel Martin उस जमाने में अपनी पत्नी सहित आगर में निवास कर रहा था . इसी बीच एक सूचना आती है उसे संभवतः अफगान युद्ध में जाना था . भारी मन से यहां से बिदा होकर अफगानिस्तान के लिए रवाना होता है . उसकी पत्नी आगर छावनी में रह जाती है . लंबे समय तक colonel Martin को बाहर रहना पड़ा पत्नी के लिए केवल मार्टिन के आने वाले पत्र की सहारा हुआ करते थे .
तब के युद्ध आमने-सामने की लड़ाई और और खंदक में लडे जाते थे . colonel Martin अपनी लड़ाइयों का विवरण पत्र में लंबा- लम्बा लिखकर भेजा करता था उनको पढ़ कर दुखी मन से मार्टिन की पत्नी अर्दलियों के साथ जंगल घूमने जाया करती थी .उसे जंगल में एक स्थान पर पंडित लोग भगवान शिव का पूजन करते दिखे . सहायकों द्वारा मार्टिन की पत्नी को बताया गया कि भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है .
पत्नी ने पंडितों से पूछा क्या यहां पूजा करने से हमारा मार्टिन वापस आएगा
इधर Colonel Martin के पत्रों में लड़ाई के एपिसोड लिखकर आ रहे थे कि वह शायद ही बचकर आ पाए . Colonel Martin की पत्नी ने भगवान शिव की पूजन का सहारा लिया . महाम्रत्युन्जय का जप करवाया इसका चमत्कारिक प्रभाव हुआ. कुछ समय बाद Colonel Martin आने वाले पत्रों के स्वर बदल गए .
वह लिखने लगा कि जब भी मुझे लगता है कि मेरी मृत्यु निकट है तो कोई अदृश्य शक्ति मुझे बचा लेती है. कुछ दिनों बाद Colonel Martin आगर लौटता है . उसे शिव पूजन के बारे में बताया गया . भगवान शिव की चमत्कारी शक्ति को वह प्रत्यक्ष अनुभव कर चुका था . 1883 में उसने आगर में बैजनाथ महादेव मंदिर का निर्माण करवाया . इस आशय का शिलालेख आज भी बैजनाथ मंदिर में लगा हुआ है.
यह भी देखें ;
http://Kainchi dham स्टीव जॉब्स सहित वेस्टर्न कंट्री की बड़ी बड़ी हस्तियां भक्त है नीम करोली बाबा की
http://Vaishno devi के दर्शन और चिनाब ब्रिज देखना हो तो IRCTC का हॉलिडे पैकेज लीजिये
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;Article written by harishankar Sharma
🙏ॐ नमः शिवाय🙏
thnx
मान्यवर,
बहुत ही सार्थक लेख,
मालवा क्षेत्र में आगर ही ऐसा जिला हे।जिसके साथ मालवा शब्द लगाया जाता है,
बैजनाथ महादेव की महिमा को आपके द्वारा तथ्यों के साथ बेहद सार्थक लेखन स्रराहनीय है।
सुझाव के तौर पर अनुरोध हे कि, आगर की लाल माटी की महिमा जो की itself छावनी बनाने के कारणों में से एक हे,
आगर का महा विशाल बड़ का पेड़ ,जिसके तले फौज का विराम स्थल रहता था।
केवड़ा स्वामी भेरू महाराज की शान और केवड़े की सुगंधित करने वाले असंख्य फूलो की खुशबू से सरोबार तालाब की महिमा,,
Nero गेज ट्रेन उज्जैन आगर जो अंग्रेजो ने मिलिट्री की सुविधा के लिए चलाई थी।
बिना रेलवे फाटक और उज्जैन शहर के बीच से निकलकर आगर पहुंचना,
मुख्यत,,,नलखेड़ा मां बगलामुखी माताजी की शक्ति पीठ जिसमे कमला माई,ओर त्रिपुरासुंदरी माई के साथ विराजित हे।
अकल्पनीय शक्ति पीठ हे।
में सोचता हु,राजस्थान सीमा से नलखेड़ा माताजी ,बैजनाथ महादेव से ज्योतिर्लिंग महाकाल बाबा,ओर ओंकार बाबा तक एक रिलीजियस कॉरिडोर के रूप में देखा जाना फ्यूचर में सुनिश्चित होगा।
Again Thanks sir
थैंक्स सर , सुझाव बहुमूल्य है इनका भविष्य में पालन किया जायेगा .