Coorg की हवाओं में काफी की खुशबू है ,काफी के बागान सुंदर दृश्य प्रस्तुत करते हैं
coorg भारत के कर्नाटक प्रांत का एक जिला है इसका मुख्यालय मेडीकेरी में है .पश्चिमी घाट पर स्थित पहाड़ियों और घाटियों का यह हिल स्टेशन है .कुर्ग कावेरी नदी का उद्गम स्थल है . यह समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर है .कुर्ग के पहाड़ हरे-भरे जंगल और कॉफी के बागान लोगों को लुभाते हैं .
काफी सर्वाधिक पीने वाले पदार्थ में से एक है .अधिकांश लोगों के दिन की शुरुआत इसी से होती है .काफी में मौजूद कैफीन व्यक्ति को सक्रिय रखने में मदद करता है और इसके बहुत ज्यादा हानिकारक प्रभाव भी नहीं पड़ते हैं .
दुनिया में कई तरह की काफी मिलती है. इनकी कीमत उनके बनाने के तरीके और स्वाद के कारण भिन्न होती है .काफी भारत में भी उगाई जाती है .कर्नाटक का कुर्ग काफी उत्पादक स्थान में प्रमुख स्थान रखता है .
Coorg की हवाओं से काफी की खुशबू आती है. यहां के काफी के बागान अत्यधिक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करते हैं और सांसों में काफी की खुशबू घोलते हैं . Coorg काफी इसकी गुणवत्ता ,स्वाद और सांस्कृतिक महत्व के कारण जानी जाती है .
माना जाता है कि अंग्रेजों ने यहां पर 19वीं शताब्दी में काफी के बागन तैयार किये . क्षेत्र की ठंडी जलवायु काफी के लिए काफी अनुकूल होती है. काफी की खेती यहां के कडूवा समुदाय के द्वारा की जाती है .यहां पर कई काफी स्टेट है . Coorg में दो तरह की काफी बनाई जाती है जिसका नाम है अरबीका और रॉबस्टा.
क्या देखें
Coorg में देखने के लिए कई स्थान है . Coorg की प्राकृतिक खूबसूरती स्तब्ध करने वाली है . यहां पर ए बी फॉल्स, मण्डल पट्टी व्यू प्वाइंट. नामद्रोलिंग मठ, पुष्पगिरी वन्य जीव अभ्यारण, इरप्पू फॉल्स आदि स्थान देखने लायक हैं.
कैसे जाएँ ,कब जाएँ
कुर्ग से सबसे नजदीकी स्थान ,मैसूर जो 120 किलोमीटर दूरी पर है और मेंगलुरु 135 किलोमीटर पड़ता है. रेल मार्ग से निकटतम रेलवे स्टेशन मैसूर ,मंगलौर और हासन है. निकटतम हवाई अड्डा बेंगलुरु ,मैसूर और बेंगलुरु है.
इंदौर ,उज्जैन से Coorg जाने वालों के लिए इंदौर से मडगांव होकर कोचुवेली जाने वाली ट्रेन प्रति मंगलवार को निकलती है ,मेंगलुरु में रूकती है .इसी तरह जयपुर से मैसूर तक जाने वाली ट्रेन लेकर मैसूर पहुंचा जा सकता है.कुर्ग साल भर जा सकते है . तापमान बीस से तीस डिग्री के बीच रहता है .
क्या खायें
Coorg पर्यटन स्थल पर सभी तरह के भोजन मिल जाते हैं .लेकिन कुर्ग व्यंजनों का स्वाद लेकर आना चाहिए. यहां का भोजन कोडवा संस्कृति का अभिन्न अंग है. जिसमें की अक्की रोटी,कूट करी ,पलियापुट्टू तथा मीठे में कटहल की कुवलेपुट्टू व केले की मिठाई थाम्बुतट्टू ट्राई करना चाहिए. कुर्ग में मांसाहारी लोगों के लिए सी फूड भी उपलब्ध होता है.
कँहा ठहरे
कुर्ग मे पर्याप्त होटल व रिसोर्ट हैं. ऑनलाइन बुक करके जाएँ.
….
pl check this article ;http://konkan rail रूट पर बारिश में जरुर जाना चाहिए , konkan रेलवे रुट कितना लंबा है ,कब और कैसे बना
pl join our whatsup group ;https://chat.whatsapp.com/HOUfDR0ooDIKyLpCkZN0o1
Bahut sundar 🙏
Gyanvardhk