Gaya
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Gaya श्राद्धपक्ष में प्रेतवेदी शिला पर पिंडदान करने से 21 पीड़ियो को मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है   

Gaya भारत के बिहार राज्य के गया जिले में स्थित एक नगर है इस शहर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आते हैं

Gaya में पिंडदान का अत्यधिक का महत्व है..यहां भगवान श्री हरि विष्णु ने वरदान दिया था कि जो कोई भी अपने जीवन काल के दौरान यहाँ सच्ची श्रद्धा के साथ पिंडदान करेगा वह अपने पूर्वजों को मोक्ष प्रदान करेगा.धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान राम ने फाल्गुनी के तट पर त्रेता युग में अपने पिता दशरथ के लिए पिंडदान किया था.

पितृ पक्ष में देश-विदेश से तीर्थ शास्त्री Gaya जी पिंडदान व तर्पण करने आते हैं.  माना जाता है कि सितंबर- अक्टूबर में आने वाले पितृपक्ष के दौरान हमारे सभी पूर्वज धरती पर आते हैं और हम जो प्रसाद चढ़ाते हैं सीधे उन तक पहुंचता है.

Gaya में श्राद्ध कर्म  तर्पण विधि और पिंडदान करने के बाद आगे कुछ नहीं करना होता है.यहां से व्यक्ति पितृ दोष से मुक्त हो जाता है. गया में श्राद्ध करने के बाद तर्पण और ब्राह्मण भोजन की बाध्यता समाप्त हो जाती है.

Gaya असुर की क्या कहानी हैं 

Gaya धाम की कहानी गयासुर नामक राक्षस से जुड़ी हुई है. इस राक्षस ने भगवान विष्णु की तपस्या की व उन्हें प्रसन्न कर लिया. भगवान से उसने वरदान मांगा कि मेरा शरीर देवताओं से अधिक पवित्र हो जाए.जो भी मेरे शरीर के दर्शन करें या स्पर्श करें वह पाप मुक्त हो जाए.

भगवान ने वरदान दे दिया. उसके बाद लोग जमकर पाप करने लगे और बदले में गयासुर के दर्शन करके पाप मुक्त होने लगे  पाप बढ़ने लगा. इससे देवता से परेशान हो गए तो  वे  विष्णु जी के पास पहुंचे उपाय करने के लिए कहा. भगवान विष्णु गयासुर के पास गए और उससे कहा कि मुझे धरती पर  यज्ञ करने के लिए सबसे पवित्र स्थान चाहिए.

गयासुर ने कहां कि प्रभु मेरे शरीर  पवित्र कुछ नहीं. मैं धरती पर लेट जाता हूं आप यज्ञ करें. उसका शरीर पांच कोस तक फ़ैल गया. भगवान विष्णु ने यहां यज्ञ किया और जब यज्ञ के प्रभाव से गयासुर का शरीर कांपने लगा तब भगवान विष्णु ने वहां एक शिला रखी जिसे प्रेतशिला बेदी का नाम दिया है.

गयासुर के अवदान से प्रभावित होकर भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि जो भी गया आकर अपने पितरों का पिंडदान करेगा उसके पितरों की 21 पीढीया मुक्त हो मोक्ष को प्राप्त जाएगी.

Gaya जी में में पिंडदान के लिए स्थान

Gaya  में पिंडदान के लिए कई पवित्र स्थान है.इनमें फाल्गुन नदी का तट ,विष्णु पद मंदिर,अक्षय वट वृक्ष, सीता कुंड, रामशिला बेदी,प्रेत शिला वेदी  आदि स्थानों पर पितरों का तर्पण होता है.

 Gaya में दर्शनीय स्थान

महाबोधि मंदिर,रॉयल भूटान मठ, दुर्गेश्वरी गुफा मंदिर,मंगला गौरी मंदिर, दुख हरनी मंदिर आदि के दर्शन करना चाहिए.

 Gaya कैसे जाये

गया जाने के लिए पटना जाना होगा. पटना से गया बस या टैक्सी से गया जा सकते हैं. पटना रेल मार्ग से सभी बड़े शहरों से जुडा है. इंदौर -उज्जैन से गया  के लिए सीधी ट्रैन उपलब्ध है, गया के लिए उज्जैन से शिप्रा एक्सप्रेस रविवार ,बुधवार और शुक्रवार को रात्रि में 1.10 am को रवाना होती है .

पटना के लिए सात ट्रेन विभिन्न दिनों में उज्जैन से  जाती है .पटना से गया  107  किमी  है .पटना मे हवाई  अड्डा भी है.

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