jodhpur
  Jodhpur की कचोरी

केवल कचोरी खाने क्या कोई Jodhpur प्लेन लैंड करेगा,ऐसा हुआ है 16 जनवरी 2013 को

Jodhpur की कचोरी खाने के लिए एयर इंडिया की पायलट ने फ्लाइट को जोधपुर उतार दिया था

है ना आश्चर्यजनक बात लेकिन यह हुआ है.कुछ वर्षों पहले एक महिला पायलट ने कचोरी की दीवानगी में यह कांड कर डाला था. तभी से  जोधपुर  की कचोरी जो पहले से ही फेमस थी और ज्यादा फेमस हो गई.

जोधपुर   की प्याज की कचोरी का स्वाद लोगों के सर चढ़कर बोलता है.  जोधपुर  का नाम लेते ही लोगों के मुंह में कचोरी का स्वाद  घुल जाता है.

हुआ यूँ कि 16 जनवरी 2013  को एयर इंडिया की फ्लाइट की  महिला पायलट ने उच्च अधिकारीयों के निर्देश के बावजूद फ्लाइट को डाइवर्ट करने से मना कर दिया . Jजोधपुर  की प्याज़ की कचोरी के प्रेम के कारण ही नियमित उड़ान पर चलते हुए  प्लेन जोधपुर  लैंड किया. कचोरी प्रेम के कारण  कारण उन्हें बाद में निलंबन का सामना भी करना पड़ा.

Jodhpur  कैसे जाएँ 

जोधपुर   शहर रेलमार्ग से जयपुर, सवाई माधोपुर, उदयपुर, मुंबई, चेन्नई, विशाखापत्तनम, इंदौर, भोपाल आदि शहरों से सीधा जुडा है. जोधपुर में एयरपोर्ट है.

Jodhpur कब  जाएँ

  बारिश और ठण्ड में जाना अच्छा रहता है.

 Jodhpur में क्या देखे

  मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन, म्यूजियम, गार्डन और यहॉं की राजस्थानी संस्कृति.  दाल बाटी चूरमा और अन्य राजस्थानी व्यंजनो, शाकाहारी और मांसाहारी खानपान का लुत्फ़ ले सकते है.

Jodhpur राजस्थान के राजपूताना  की आन बान शान का शहर

जोधपुर   जिसे  ब्लू नगरी भी कहते हैं. यहां के सारे मकानों का रंग नीला है.  यहाँ  का मेहरानगढ़ किला और उम्मेद भवन देखने के लिए लोग दूर-दूर से चलकर आते हैं. उम्मेद भवन में एक रात रुकना और यहां पर विवाह समारोह आयोजित करना बड़े-बड़े रईसों और फिल्म स्टारों के लिए आम हो गया है. उम्मेद भवन के एक कमरे का एक दिन का किराया  लाखों में है .

जोधपुर  से निकट जैसलमेर और पाकिस्तान की बॉर्डर पड़ती है. जैसलमेर जाने वाले यात्री  जोधपुर   में रूककर आगे बढ़ते हैं.  जोधपुर   की राजस्थानी संस्कृति के साथ कचोरी ने भी अपना रंग जमाया हुआ है.  जोधपुर   के राजा हनुवत सिंह और जुबैदा की प्रेम कहानी पर श्याम  बेनेगल ने जुबैदा  फिल्म बनाई जो काफी लोकप्रिय है. मनोज बाजपेई इसमें हनुवत सिंह और करिश्मा कपूर  जुबेदा  बनी है .

जोधपुर   रियासत के भारत में विलय की भी एक अलग कहानी है.यहां के राजा हनुवत सिंह शुरुआत में पाकिस्तान में अपनी रियासत को मिलाना चाहते थे लेकिन राजमाता के दबाव और सरदार पटेल ,सचिव  मेनन की होशियारी से यह रियासत पाकिस्तान में जाते-जाते बची थी. बाद में हनुवत सिंह और जुबेदा की हवाई दुर्घटना में मौत हो जाती है .

यह  भी  देखें

http://मैसूर जा रहे हैं तो यहां के लोकप्रिय Mysore दोसा का स्वाद लेना ना भूले

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