Mahakal lok
mahakal lok & mahakal shikhar darshan

Mahakal lok के बाद की उज्जैन देखने एक बार जरुर आये

Mahakal lok के बाद की उज्जैन देखने एक बार जरुर आये महाकालेश्वर की नगरी की छटा न्यारी

Mahkal lok  के निर्माण ने  Ujjan के नाम को विश्व पटल पर  अंकित कर दिया है. लोग अब इस नगर को दो रूप में देखते हैं एक महाकाल लोक बनने के पूर्व का उज्जैन तो दूसरा  Mhakal lok  बनने के बाद का उज्जैन.

उज्जैन नगरी जिसे अवंतिका और कई अनेक नाम से जाना जाता है  अक्टूबर  2022  में  PM Narendra modi  की  Mhakal lok  विजिट से धार्मिक पर्यटन को लेकर अत्यधिक सुर्खियों में आ गया है.

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और दक्षिण से ट्रेन व बस में भर भर कर  श्रद्धालु  Ujjain  पहुंच रहे है. भगवान महाकालेश्वर का आशीर्वाद देने के लिए लोग घंटों लाइन में लगे रहते हैं. पिछले वर्ष कोई  5 करोड़  लोग उज्जैन पंहुचे  है.

बारह ज्योतिर्लिंगों में  महाकालेश्वर  एकमात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग है. जिनके दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है,मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है.

शिप्रा नदी के किनारे बसी मोक्ष नगरी उज्जैन में  प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार  सिंहस्थ का मेला आयोजित होता है . अगला  सिंहस्थ  अब 2028 में  होगा . सिहस्थ  में लाखों की संख्या में साधु विभिन्न कंदराओं से  निकलकर यहां एक माह  तक अपना डेरा जमाते हैं . इसी अवसर का लाभ लेने के लिए करोड़ों लोग स्नान ध्यान व पुण्य प्राप्ति के लिए मोक्ष नगरी का रुख करते हैं.

Mahakal lok  का निर्माण मध्य प्रदेश सरकार ने लगभग 2000 करोड़ रूपया खर्च करके महाकाल मंदिर के पास स्थित छोटा रुद्रसागर और बड़ा रुद्र सागर  क्षेत्र का सुन्दर विकास कर किया है. यहां पर शिव- लीला की अनेकों मूर्तियां लगाकर शिव के आंगन को सजीव रूप दिया है.

त्रिवेणी संग्रहालय के प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही दर्शनार्थी एक अलग ही दुनिया में  पहुंचते हैं. रात्रि के समय यहां की जाने वाली लाइटिंग इसमें चार चांद लगा देती है.  यहां पर पौराणिक कथाओं का चित्रण एवं महाभारत कालीन पात्रों की मूर्तियां कुछ इस तरह लगाई गई है कि वह तब के वातावरण का साक्षात्कार   कराती प्रतीत होती है.

उज्जैन के अन्य दर्शनीय स्थल  Other tourist spots

Ujjain  के अन्य दर्शनीय स्थलों में   Holy Shipra River  का रामघाट  है . यहां पर प्रतिदिन शाम को होने वाली  Shipra aarti  हमें हरिद्वार की गंगा आरती का आभास कराती है.रामघाट के अलावा कृष्ण सुदामा की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम, मंगल ग्रह पर आधारित मंगलनाथ मंदिर, सिद्धवट जहां पर तर्पण किया जाता है, काल भैरव का मंदिर जहां पर काल भैरव की मूर्ति को मदिरा का भोग लगता है.

कालभैरव की मूर्ति को मदिरा भोग  ग्रहण करते हुए देखा जा सकता है. इसी तरह गोरखनाथ संप्रदाय से संबंधित  भरथरी गुफाएं, गढ़ कालिका , चिंतामन  गणेश   तथा विक्रमादित्य की आराध्य देवी हरसिद्धि का मंदिर प्रमुख दर्शन स्थल है.

 उज्जैन Mahakal lok  कैसे पहुंचे How to reach

Ujjain  दिल्ली , मुंबई, भोपाल,  हैदरबाद, चेन्नई , जोधपुर  आदि से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से कनेक्ट है.  पास में ही इंदौर का देवी अहिल्या हवाई अड्डा है जहां से मात्र 40 मिनट में उज्जैन पहुंच जा सकता है.

कहां ठहरे Where to stay

UJjain  में बढ़ते हुए तीर्थ यात्रियों की संख्याओं के चलते  कई अच्छी होटल बन  गई है व  कुछ  निर्माणाधीन है. वर्तमान में अंजू श्री, रुद्राक्ष, अथर्व, सॉलिटेयर, पर्यटन विकास निगम की शिप्रा व उज्जैनी जैसी लक्जरी होटल यहां उपलब्ध है.

जो बजट होटल में रुकना चाहते हैं उनके लिए भी यहां सैकड़ो विकल्प है.साथ ही मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग द्वारा पर्याप्त संख्या में यहां होमस्टे चलाने की मंजूरी दी गई है. Airbnb, makemytrip, booking. com  पर जाकर ऑनलाइन  बुकिंग  कर सकते है.

कहां खाएं Where to eat

Ujjain  Mhakal lok आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए भोजन -प्रसादी की कोई कमी नहीं है. दाल -बाटी , पंजाबी व साउथ इंडियन डिशेज के लिए कुछ अच्छे रेस्टोरेंट भी है. जिनमें श्री गंगा  , अपना रेस्टोरेंट  तथा साई दाल बाफला जैसे रेस्टोरेंट फ्रीगंज वह मंदिर क्षेत्र में मिल जाएंगे.फ्रीगंज  के टावर  चौक  में  चाट  की  कई  दुकाने  है .

क्या खरीदें what to buy

धार्मिक किताबों के अलावा यहां  Ujjain  के निकट ही  भैरवगढ़ स्थित बाटीक प्रिंट के वस्त्र खरीदना चाहिए. जो अपने आप में यूनिक है. महाकाल के आसपास भी ऑथेंटिक दुकान मिल जाती है.  यदि  बल्क में खरीदना हो तो कालभैरव मंदिर के पास स्थित भैरवगढ़ नामक स्थान पर जाकर सीधे प्रोडक्शन साइट से ही भैरवगढ़ प्रिंट के कुर्ते -पजामे  सलवार -सूट ,बेडशीट आदि बहुत ही कम दाम में मिल जाती है.

कब आये,क्या सावधानी रखें When to come

Ujjain  में बारह महीने अच्छा मौसम रहता है  कभी भी आये.यदि भीड़ पसंद नही है तो  शनिवार,इतवार तथा विभिन्न पर्वों  के अवसर कों छोड़कर आये. उक्त समय में  श्रद्धालुओं की संख्या एकदम बढ़ जाती है इसलिए दर्शन में लगने वाला समय उसी हिसाब से बढ़ जाता है. सामान्य दिनों में मंगलवार से शुक्रवार के बीच में बहुत ही आसानी से दर्शन  हो जाते है.

 सावन  – भादो मास में बाबा महाकाल की सवारी प्रति  सोमवार  शाम  चार बजे से  निकाली  जाती है . महाशिवरात्रि  पर  तीन दिन का  उत्सव  रहता है .उज्जैन आ रहे हैं तो रुकने के लिए पूर्व से ऑनलाइन बुकिंग करवा ले.

भस्म आरती में शामिल होने के इच्छुक लोग ऑनलाइन प्री बुकिंग  https://shrimahakaleshwar.com करवा कर ही आए.  दर्शन के नाम पर कुछ लोगों द्वारा दर्शनार्थियों को बरगलाया जाता है इससे सावधान रहे दर्शन के नाम पर किसी को पैसा ना दे

pl  see this link  also ;https://apniyatra.net/mahakaleshwar-temple/

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