Mahakaleshwar
Mahakaleshwar

22जुलाई 2024 से बाबा Mahakaleshwar की नगरी Ujjain में श्रावण महोत्सव शुरू हो रहा है

Mahakaleshwar की नगरी Ujjain श्रावण भादो मास में शिवमय हो जाती है

श्रावण मास में शिव आराधना का विशेष महत्व है. भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक मात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है.शिव के रूप  Mahakaleshwar  की आराधना की बात ही कुछ और है.शिव की नगरी में होने वाले श्रावण उत्सव के दौरान इस बार भगवान  महाकालेश्वर की कुल 07सवारिया निकाली जाएगी.

पहली सवारी 22 जुलाई को को व अंतिम सवारी जिसे शाही सवाऱी का नाम दिया जाता है 2 सितंबर को निकलेगी.पालकी में सजे बाबा  महाकालेश्वर के प्रति रूप के दर्शन करने के लिए 4 से 5 किलोमीटर लंबे मार्ग में लाखों की संख्या में भाव विभोर होकर श्रद्धालु महाकालेश्वर  का  दर्शन लाभ लेते हैं.

बाबा Mahakaleshwar  की सवारी में निकलने वाली पालकी के साथ साधु -संत और भजन करते लोग, हाथी घोड़े व बैंड बाजे अनुपम छटा बिखेरते है. इसको निहारने  मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है  सारे मनोरथ पूर्ण होते है.

रामघाट पर सवारी कुछ देर रूकती है यंहा भगवान Mahakaleshwar  का शिप्रा के जल से जलाभिषेक किया जाता है. इस अवसर को अपनी आँखों में कैद करने के लिए  रामघाट और दत्त अखाडा दोनों तरफ लाखों की संख्या में लोग घंटों इंतजार करते हैं.

Mahakaleshwar की सवारी के दर्शन कहां से करें

बाबा महाकालेश्वर की सवारी श्रावण के प्रत्येक सोमवार को शाम 4:00 बजे  महाकालेश्वर  मंदिर से रवाना होती है और नगरभ्रमण कर रात्रि 8 के आसपास मंदिर लौट आती है. महाकालेश्वर की सवारी का सवारी मार्ग के विभिन्न स्थानों में जहां भी सुविधाजनक स्थान उपलब्ध हो उस एक ही स्थान पर खड़े होकर  इंतजार करना चाहिए. सवारी मार्ग की भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं तो कुछ समय पूर्व (शाम 3 से 4 के बीच )रामघाट क्षेत्र और दत्त अखाड़ा घाट पर जाकर बैठ जाए तो आसानी से बाबा  महाकालेश्वर की सवारी के दर्शन होंगे.

How to reach

Mahakaleshwar Temple उज्जैन रेल मार्ग से मुंबई, दिल्ली, कलकत्ता,त्रिवेंद्रम, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, अयोध्या, काशी, गोरखपुर से सीधा जुडा है. निकतम हवाई अड्डा इंदौर है.

Where to stay

उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद अनेक बजट होटल बन गए है कोई 300 से अधिक होम स्टे है.ऑनलाइन होटल बुक करवा कर आये.

What to eat

अनेक शाकाहारी भोजनालय है. महाकाल लोक में अन्नक्षेत्र  संचालित किया जाता है. मात्र 5 रू में शुद्ध सात्विक भोजन मिलता है. पास मंदिर परिसर में दर्शन उपरांत काउंटर से लिए जा सकते है.

उज्जैन में श्रावण उत्सव बाबा महाकालेश्वर की सवारी के बारे में वह सब जानकारी जो आप जानना चाहेंगे

श्रावण-भादौ मास में भगवान  महाकालेश्वर की 22 जुलाई को प्रथम सवारी निकलेगी.अन्तिम शाही सवारी 2 सितम्बर को निकाली जायेगी.श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में प्रथम सवारी सोमवार 22 जुलाई, द्वितीय सवारी सोमवार 29 जुलाई,

तृतीय सवारी सोमवार 5 अगस्त, चतुर्थ सवारी सोमवार 12 अगस्त, पंचम सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जायेगी। इसी तरह भादौ मास में षष्टम सवारी सोमवार 26 अगस्त तथा शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जायेगी।

Mahakaleshwar सवारी मार्ग

भगवान श्री  महाकालेश्वर की सवारी श्री  महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर अपने निर्धारित समय पर प्रारम्भ होकर महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी।

यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री  महाकालेश्वर मन्दिर में वापस आयेगी.

 Mahakaleshwar की शाही सवारी में मार्ग  लम्बा रहेगा

2 सितम्बर को महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड,

टंकी चौराहा, टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री  महाकालेश्वर  मन्दिर पहुंचेगी.

श्रावण-भादौ मास में बाबा Mahakaleshwarकी भस्म आरती के समय में परिवर्तन रहेगा

श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा।

भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। इसी तरह 3 सितम्बर से पट खुलने का समय पूर्ववत होगा। श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम की जाकर कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिये चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

Mahakaleshwar की सामान्य दर्शन व्यवस्था कैसी रहेगी

महाकालेश्वर  मंदिर में सामान्य दर्शन व्यवस्था श्रावण-भादौ मास में त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नन्दी द्वार, श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेन्टर-1, टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन दर्शनार्थी करेंगे।

साथ ही भारत माता मन्दिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के संमुख से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसिलिटी सेन्टर-1 एवं टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से दर्शन उपरांत (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर के लिये प्रस्थान करेंगे।

Mahakaleshwar मंदिर में शीघ्र दर्शन कैसे करें

शीघ्र दर्शन व्यवस्था (250/- रु.) द्वार नम्बर-4 एवं 5 के रास्ते विश्रामधाम रेम्प, सभा मण्डपम होते हुए गणेश मण्डपम से भगवान श्री  महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने के उपरांत निर्गम द्वार अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

जूता स्टेण्ड  कहाँ रहेगा

बड़ा गणेश मन्दिर की ओर से महाकालेश्वर  मंदिर में  आने वाले श्रद्धालुओं के लिये बड़ा गणेश मन्दिर के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी। इसी तरह त्रिवेणी द्वार की ओर से  महाकालेश्वरमंदिर में  आने वाले श्रद्धालुओं के लिये मानसरोवर भवन के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी।

भारत माता मन्दिर की ओर से  महाकालेश्वर  मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये प्रशासनिक कार्यालय के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी.

यह भी  देखें ;http://Colonel Martin की शिव भक्ति का उदाहरण है आगर मालवा का बैजनाथ महादेव मंदिर

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