MP नेचुरल है यहाँ नेचर है है मोगली है कान्हा है बांधवगढ़ है 785 टाइगर हैं भेडाघाट है
पंचमढ़ी है .अमरकंटक है ,धर्म है, आध्यात्म है .यहां के लोगों ने दर्शन को ऊंचाइयां दी है . यहाँ आचार्य रजनीश ओशो , महर्षि महेश योगी जन्मे. बालकृष्ण शर्मा नवीन , माखनलाल चतुर्वेदी , सुभद्राकुमारी चौहान जैसे कवि हुए , शिवमंगल सिंह सुमन की कार्यस्थली रहा यह प्रदेश किसी के कम नही .
भारत के मध्य में स्तिथ मध्य प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थलों ,किलो व मंदिरों की समृद्ध परंपरा से जाना जाता है. यह टाइगर स्टेट है , एम पी में 785 टाइगर है जो हिंदुस्तान में सर्वाधिक है और मध्य प्रदेश के जंगलों मे रहते हैं . यही नहीं कई वन अभ्यारण है, टाइगर रिजर्व है .
फोर्ट और इतिहास की विरासत के रूप में मांडू को कभी भूल नहीं सकते ,ओरछा और ग्वालियर के किले भी लोगों को आकर्षित करते हैं.
धार्मिक पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर व ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश में ही है. ओरछा का रामराजा मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. सांची ,भीमबेटका और भोजपुर के मंदिर एम पी को प्राचीन इतिहास से जोड़ते हैं. 12 वर्षों में उज्जैन में लगने वाले सिहस्थ के कारण भारत के चार प्रमुख धार्मिक स्थानों में इसका नाम शामिल है.
इन सब चीजों को अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट सर्किट में लोकप्रिय करने के लिए और अधिक प्रयास की आवश्यकता है .जिसमें एयर कनेक्टिविटी और अच्छे होटल का विकास सबसे प्रमुख है, रोड कनेक्टिविटी के मामले में प्रदेश में अच्छा काम हुआ है .
MP गजब है
2010 के आसपास की बात होगी MP tourism ने मध्य प्रदेश पर्यटन के प्रचार प्रसार करने के लिए मुंबई की एक बड़ी विज्ञापन एजेंसी का सहारा लिया और उसने सीरीज में विज्ञापन चलाया . ये विज्ञापन टीवी पर आते रहते थे जिनमे एक जुमला काफी लोकप्रिय हुआ एम पी गजब है.
यह स्लोगन कैची था और लोगों का ध्यान उसने आकर्षित किया .लेकिन दूसरी ओर MP गजब है, एम पी अजब है की बात लोगों के मन में एम पी की छवि को कुछ अलग ढंग से प्रस्तुत कर गई. एम पी में जो भी घटनाक्रम होता था उसमे मीडिया – इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट दोनों ही ने ही एम पी गजब है की टैग लाइन लगाना शुरू कर दिया .
विज्ञापन अच्छा था पर एम पी गजब है का टैग लगा कर यहां तत्कालीन समय में व्यापम और जितने घोटाले हुए उन सभी में इस विज्ञापन की लाइन को नेगेटिव बनाकर न्यूज़ मेकिंग का काम होने लगा .इसलिए इस विज्ञापन से पर्यटन के नाम पर जिस तरह का वातावरण चाहा गया था वैसा नही बन पाया .
MP Bhopal और फिल्म
एम पी की राजधानी भोपाल के ताल और आसपास फैली लकदक हरियाली ने फिल्मी दुनिया को आकर्षित किया .यहां कई फिल्मों की शूटिंग हुई. लोग फिल्म बनाकर चले गए लेकिन प्रदेश के पर्यटन में कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ.विदेशी पर्यटक खजुराहो पर ही फोकस करते है. .
MP के धार्मिक पर्यटन में उछाल आया
मुख्य उछाल उज्जैन के Mahakal lok बनने और यहां पर उसका उद्घाटन करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद आया है . Banaras के कशी विश्वनाथ कोरिडोर के बाद Ujjain के Mahakal lok ने देशी व NRI पर्यटकों की बड़ी तादाद को आकर्षित किया है . स्तिथि यह है कि शनिवार इतवार को उज्जैन के साथ साथ ओंकारेश्वर भी खचाखच भरा रहता है.
MP में विदेश पर्यटकों का आगमन
India tourism satastics 2023 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में कुल 85 लाख विदेशी पर्यटक भारत आये. इनमे से प्रमुख रूप से 2.045 लाख ने MP का रुख किया .जबकि इसी अवधि में महाराष्ट्र में 15.11 लाख , राजस्थान में 3.96 लाख ,तमिलनाडु में 4.07 लाख , उत्तरप्रदेश में 6.49 लाख विदेशी टूरिस्ट पंहुचे .
Article written by Harishnkar Sharma
यह भी देखें ;http://Mahakaleshwar की सवारी के बारे में पार्किंग से लेकर दर्शन तक की वह सब जानकारी जो आप जानना चाहेंगे
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