Mysore के दोसे का जायका पारंपरिक साउथ इंडियन दोसा से अलग हटकर है
Mysore दोसा विशेष प्रकार के चावल उड़द दाल और मेथी के बीजों के बेटर से बनाया जाता है .अत्यधिक लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन दोसा का मैसूर संस्करण है. दोसा दक्षिण भारतीय खानपान में एक स्वादिष्ट डिश है जो दक्षिण भारतीय संस्कृति को रिप्रेजेंट करती है.
Mysore के विभिन्न रेस्टोरेंट और भोजनालय में प्रमाणिक मैसूर शैली के दोसे खा सकते हैं . इस दोसे को केवल चटनी के साथ खाया जाता है . सांभर नही परोसा जाता है .
मैसूर का केवल मैसूर पाक ही प्रसिद्ध नहीं है यहां का मैसूर दोसा भी अपनी खासियत रखता है . मैसूर प्राचीन काल से ही दक्षिण भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इस शहर में कई स्मारक है यहां की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध है . मैसूर अपने उच्च कोटि के महलों व आलीशान मंदिरों के लिए जाना जाता है
Mysore में दोसा कहां खाया जाए
ऑथेंटिक मैसूर दोसा खाने के लिए मैसूर शहर में मायलारी दोसा होटल जो 1938 से संचालित है ,दास प्रकाश जो एक लोकप्रिय साउथ इंडियन फ़ूड चैन है और विनायक मायलारी होटल प्रमाणिक मैसूर दोसे के लिए प्रसिद्ध स्थान है. किसी भी टैक्सी वाले को बोलेंगे तो वह इन स्थानों पर खुशी-खुशी आपको ले जाएगा.
Mysore कैसे जाएं ,कब जाएं
मैसूर सड़क व रेल मार्ग से मार्ग से बेंगलुरु से जुड़ा हुआ है. यहाँ जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा बेंगलुरु है.कोयंबटूर के रास्ते भी सडक मार्ग से दक्षिण से इस शहर में आया जा सकता है. मैसूर में बारह महीने जाया जाया जा सकता है .
Mysore में क्या देखें
मैसूर महल ,जगमोहन महल ,चामुंडा पहाड़ी , कृष्णराज सागर बांध ,सेंट फिला चर्च ,चिड़ियाघर व रेल संग्रहालय प्रसिद्ध है . मैसूर का दशहरा फेस्टिवल देखने लाखों की संख्या में लोग यहां जाते हैं.
किस तरह अलग है साउथ इंडियन दोसे से मैसूर का दोसा
वैसे तो दोनों ही तरह के दोसे सहोदर ही कहे जाएंगे .लेकिन मैसूर में एक अलग प्रकार से ही दोसे का निर्माण होता है .इस दोसे में एक खास तरह के चावल ,उड़द दाल ,मेथी के बीज का उपयोग होता है जो उसे अलग स्वाद और बनावट देता है .
मैसूरके दोसे में जीरा ,धनिया , मिर्च पाउडर सहित स्थानीय मसाले का उदारता के साथ प्रयोग किया जाता है जो स्वाद की गहराई बढाता है. मैसूर के दोसे को आमतौर पर इमली , गुड और लाल मिर्च से बनी मीठी और मसालेदार चटनी के साथ खाया जाता है सांभर के साथ नही .
मैसूर का दोसा अन्य क्षेत्रों में पाए जाने वाले दोसे की तुलना में कुछ छोटा और मोटा होता है . इसका आकार गोल होता है. साउथ इंडियन दोसा की कई अनूठी विशेषताएं हैं. इसके बेटर का फर्मेंटेशन कर लिया जाता है जिससे इसे प्राकृतिक खट्टे जैसा स्वाद मिलता है.
साउथ इंडियन दोसे को गर्म तवे पर लगाया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप इसके किनारे कुरकुरे होते हैं . साउथ इंडियन डोसा में कई तरह की फीलिंग डाली जाती है जिसमें मसालेदार आलू का मसाला ,पनीर , नट्स शामिल होती है साउथ इंडियन दोसा को अक्सर सांभर चटनी और के साथ भरोसा जाता है .
मैसूरऔर साउथ इंडियन दोसे को गर्म फिल्टर कॉफी या चाय के साथ परोसा जाता है .दोसा आमतौर से ग्लूटेन मुक्त होता है इसलिए इसे आहार विशेषज्ञ अधिक प्रेफर करते
यह भी देखें ;
जीवन चलने का नाम इब्नबतूता Ibnbattutaपहन ले जूता Life is a journey And we All Travelers
हमारे चेनल से जुड़े ;https://chat.whatsapp.com/HOUfDR0ooDIKyLpCkZN0o1