Somnath मंदिर बहुत ही मनोरम स्थल पर बना हुआ है, एक तरफ ठाठे मारता अरब सागर है
समुद्र की ऊँची ऊँची लहरे भगवान शिव का जलाभिषेक करने को आतुर नजर आती है. दूसरी तरफ हिंदू सनातन धर्म के ध्वजवाहक के रूप में अटल ,निश्चल खड़ा भगवान सोमनाथ का मंदिर देख हृदय गर्व से भर जाता है.यहां आकर अपूर्व शांति का अनुभव होता है.केवल श्रावण मास में ही नहीं बल्कि संपूर्ण वर्ष में यह दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र होता है. भारत भर से श्रद्धालु यहां निरंतर पहुंचते हैं और भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
Somnath मंदिर यूँ तो आदर्श ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. लेकिन इसका संबंध मध्यकाल में महमूद गजनवी से भी जुड़ गया था. उसने यहां पर हिंदू धर्म की अटूट आस्था को देखा व आक्रमण कर 1000 ईस्वी में इसको छिन्न-भिन्न व अपवित्र करने का घृणित कार्य किया.
यह धर्मस्थल आजादी तक उपेक्षित रहा. Somnath मंदिर का आजाद भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की इच्छा से जीर्णोद्धार करवाया गया और प्राण प्रतिष्ठा की गई. कभी नागर शैली में बनाया गया यह मंदिर आज लाखों श्रद्धांलुओं के आकर्षण का केंद्र है.
Somnath कैसे जाएं
सोमनाथ जाने के लिए वेरावल स्टेशन जिसे आजकल सोमनाथ धाम नाम दे दिया गया है अहमदाबाद ,मुंबई आदि स्थानों से रेल से जुड़ा हुआ है .टैक्सी और बस से अहमदाबाद से (400km) यहां पहुंचा जा सकता है .निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद है.
Somnath के आसपास और क्या देखें
सोमनाथ मंदिर के दर्शन के बाद स्थानीय भ्रमण करते हुए दिन में प्रभास पट्टन आदि दर्शन लाभ लेने के बाद निकट के तीन-चार टूरिस्ट पॉइंट पर भी जा सकते हैं .इनमें दिव है यहाँ का समुद्र तट रमणीय है .यह पुर्तगालियों का उपनिवेश रहा है. सोमनाथ के पास ही बब्बर शेर की गिर सेंचुरी है यहां पर जाकर जंगल सफारी की जा सकती है.
सोमनाथ के आसपास पोरबंदर ,द्वारका भी बस से जाया जा सकता है .जूनागढ़ ,राजकोट शहर तथा गिरनार पहाड़ियां एक आकर्षण का केंद्र हो सकती है .यदि इन सब स्थान पर जाकर घूमना है तो कम से कम 5 दिन का समय लेकर जाना चाहिए.
कहां ठहरे
Somnath में सोमनाथ ट्रस्ट की बड़ी धर्मशाला है साथ ही आसपास कहीं छोटे-छोटे होटल है यहां रुक जा सकता है रुकने की कोई बड़ी समस्या नहीं है
कहां खाएं
Somnath ट्रस्ट के अन्न क्षेत्र के अलावा आसपास गुजराती स्टाइल के भोजनालय मिल जाएंगे जहां पर शुद्ध सात्विक भोजन आसानी से मिल जाता है.
कब जाएं
12 महीने यहां जाया जा सकता है सावन मास में अत्यधिक भीड़ रहती है.गुजरात में टूरिज्म का आनंद ठंड के दिनों में अधिक आता है.
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