Velas
Velas  

Velas महाराष्ट्र में कोंकण पर बसे हुए श्रीवर्धन Beach के पास छोटा सा गाँव है  यहां पर हर साल Turtle festival  मनाया जाता है 

Velas  Beach पर कछुए अपने अंडे रेत में छुपा कर चले जाते हैं

फरवरी  से  मार्च  के बीच समय  आने पर अंडों से New born turtles निकल  कर एक साथ हजारों की संख्या में समुद्र की ओर भागते हैं . बस यही देखने लोग Konkan के सुदूर तट के छोटे से गांव  Velas में एकत्रित होते हैं .

यहां की पंचायत ने धीरे-धीरे इस Festival  को  World wide  फैला दिया है .  इस  सम्बन्ध  में You Tube  पर काफी सामग्री मिल जाती है । छोटे से गांव में  Foreign Tourist  को देखकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे . लोग परवाह नही करते कि यहां पर कोई विशेष सुविधा है या नहीं . न हो तो भी लोग यहां आने के लिए उतने ही तैयार रहते हैं जितने की कि बड़े हिल स्टेशन  पर जाने के लिए .

Velas यात्रा संस्मरण

Velas के लिए  श्रीवर्धन  से 25 किलोमीटर का रास्ता  Steamer से  तय करना पड़ता है और दूसरे किनारे जाकर भी आगे  15 किलोमीटर चलना होता है , तब जाकर Velas पहुंचेंगे .

पहाड़ी रास्ते में वाहन की गति कम होती है पहुंचते-पहुंचते रात हो गई . दिसंबर का महीना था रात उतर आई थी . थकान के मारे लग रहा था कैसे जल्दी बिस्तर पर पहुंचे और नींद लगे लेकिन नींद अभी और दूर थी जितना दूर वेलास थ

रात करीब 8:00 बजे वेलाश पहुंचे .जहां हमारे रुकने की व्यवस्था की गई  थी वह परंपरागत घर था और पता लगा कि उस घर में केवल पुरुषों का राज है खाना हमें ही बनाना था . दुबले और दो आषाढ़ , ठीक है सफर में यह सब चीजें चलती ही है . सभी मित्रों ने मिलकर फटाफट खाना बनाया खाया और सो गए.या

सुबह नींद खुली घर के बाहर निकले तो देखा घर के सामने नारियल के पेड़ , सुपारी के पेड़ , तरह-तरह की क्यारियों में नर्सरी के लिए उगाये  विभिन्न पौधे और कुछ कुछ धान के खेत नजर आ रहे हैं . जहां ठहरे थे वह घर पहाड़ काट कर बनाया घर था .

यंहा घर एक ही तरह के बनाए जाते हैं बाहर दालान होता है अंदर एक दो कमरे और पीछे शौचालय की व्यवस्था. सुबह-सुबह घर से नीचे उतरे , चार कदम की दूरी पर ही C0conut  के पेड़ झूम रहे थे .

सीजन भी था दुबला पतला भंतिया तीर की तरह नारियल के पेड़ पर चढ़ गया . हंसिये से  काट कर 10 नारियल गिरा दिए . चारों मित्रों ने Fresh coconut  water   का स्वाद चखा जो हमारे यहां मिलने वाले नारियल से कुछ हटकर था .

Velas टर्टल फेस्टिवल

अगले  दिन  Velas   के    टर्टल  फेस्टिवल  का  अद्भुद  नजारा  देखा  . सेंकडो  की तादाद  में  नवजात कछुए  अन्डो  सेनिकल कर अपना  नया  जीवन  शुरू  करने  समुद्र  की  ओर  भाग  रहे  थे .

लोगो  की भीड़  इस नजारे  को देखकर  मुग्ध  थी . नए साल की महाराष्ट्र कोंकण क्षेत्र की यह यात्रा जीवन में सदैव याद रहेगी .कोंकण क्षेत्र एक बार जरूर देखना चाहिए

Velas कैसे पंहुचे, कब  जाये

मुंबई  – गोवा  हाईवे  पर  मुंबई से कि मी  दूर  श्रीवर्धन बीच है . यहाँ से बीस के किलोमीटर   दूर वेलास है . फरवरी  से  मार्च  एंड तक .

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http://गुरुर हो गया हो तो एक बार Sea beach हो कर आये स्वयं कों छोटा महसूस करेंगे

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