Bhakra dam
Bhakra dam

Bhakra dam स्वतंत्र भारत का सबसे पहला जलतीर्थ

Bhakra dam स्वतंत्र भारत की  सबसे पहली  महत्वाकांक्षी बहुउद्देशीय परियोजना थी

इस  परियोजना को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रूस के सहयोग से आगे बढ़ाया था Bhakra  से शुरू हुआ सतुलज नदी पर और बनते बनते 1963 में जाकर पूरा हुआ .भाखड़ा  हिमाचल में है  और नंगल   पंजाब में . संयुक्त  रूप से दो डेम  की परियोजना Bhakra nangal dam थी .  Bhakra  200 मीटर  ऊँचा  518.2 मीटर लम्बा, 9.1 मीटर चौड़ा है . 9.34  मिलियन  घन मीटर  जल संग्रहण  क्षमता है इसका  रिजर्वायर  90 किलोमीटर  लम्बा है . यह  एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा  डेम है ,पहला टिहरी है .

How to go

नई दिल्ली से उना और अम्ब अंडोरा के लिए  सीधी ट्रैन है यंहा से टैक्सी से  Bhakra dam जा सकते है . निकट तम हवाई अड्डा  चंडीगढ़ व अमृतसर है.

 Where to stay

Bhakra dam के बेक वाटर में कई रिसोर्टस हे. बजट होटल ऊना व अम्ब में मिल जायेंगे.

What to eat

पंजाबी खाना हर जगह उपलब्ध है .

 Bhakra dam एक यात्रा संस्मरण

    अम्ब  से जैसे ही आगे बढ़ते हैं पहाड़  शुरू हो जाते हैं। सर्पिला रास्ता और नौजवान ड्राइवर दोनों ही खतरनाक होते हैं। बार-बार झटके से गाड़ी टर्न हो रही थी और हमारा संतुलन बिगड़ रहा था. कई बार कहने के बाद भी ड्राइवर अपने मन की करने पर उतारू था । रास्ते में सोचा कोई होटल देख ली  जाए दो-तीन  स्थान पर हमने होटल देखा भी सही लेकिन जमा नहीं, ऐसे करते-करते शाम के 3:00 बज  गए .नवंबर महीना था पहाड़ों में शाम जल्दी हो जाती है।
 रास्ते में  Bhakra dam के किनारे पर बना हुआ   एक रिसॉर्ट पसंद आ गया हमने वहां पर दो रूम  बुक कर लिए .स्नान आदि किया और फिर Bhakra damदेखने के लिए निकल पड़े।.शाम 6:00 के आसपास  हम   Bhakra dam के किनारे पर थे। बांध के दूसरी ओर से  Bhakra dam  का विशाल आकार का दिख रहा था. जगह-जगह पर डैम की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की टुकड़ियों लगी हुई थी जो बार-बार चेक कर रही थी।
    Bhakra dam से नंगल जाने के लिए डैम के नीचे की साइड में एक छोटा रेलवे इंजन व तीन डिब्बो  की ट्रेन खड़ी थी जो यहां  काम करने वाले कर्मचारियों को नांगल तक ले जाती है . भारत की पहली ट्रेन है जिसमें किसी भी तरह का कोई टिकट नहीं लगता है . यह केवल कर्मचारियों के लिए ही चलाई  जाती है।
  कोई  64 साल पहले बना यह   Bhakra dam इंजीनियरिंग का अद्भुत कमाल है जो आज भी दृढ़ता के साथ खड़ा है .इसी अकेले  ने पंजाब और हरियाणा के लोगों की किस्मत बदल दी । हरित क्रांति लाने में सहयोगी इस  Bhakra dam को  भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू   की  दूरदर्शिता ने बनवाया .
  आधुनिक काल में बने हुए डेमो में हमने बरगी , तवा,  सरदार सरोवर  , इंदिरा सरोवर ,ओंकारेश्वर ,महेश्वर आदि डेम देखे हैं लेकिन इस पुरानी  संरचना को देखना  अद्भुत अनुभव से गुजरने जैसा था। रात 7:00 के आसपास हम  Bhakra dam के दूसरी ओर थे .चारों तरफ बिजली से Bhakra dam रोशन था .
   किनारे पर हमने देखा की लाइन से ताजी मछलियों को  तलकर खिलाने  वालो की दुकान लगी हुई थी .आने वाले टूरिस्ट ताजी मछलियों का आनंद लेने के लिए यहां गाड़ियों में  भर भर कर पहुंच रहे थे. हिमाचल और पंजाब में वैसे भी मांसाहार का प्रचलन ज्यादा है शायद इसीलिए यहां पर इस तरह की दुकानें सजी हुई थी . इस तरह की दुकान गुजरात मध्य प्रदेश में देखने में नहीं आती है।  Bhakra damजल तीर्थ  के दर्शन के बाद हम नीचे अपने रिसोर्ट में आ गए . रात्रि विश्राम कर सुबह-सुबह नाश्ता करके फिर पहाड़ चढ़ने की तैयारी कर ली .
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