Bharatpur केवलादेव राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित एक विख्यात पक्षी अभ्यारण है
यह बहुत बड़ा पर्यटन स्थल है जहां पर बड़ी संख्या में पक्षी विज्ञानी अध्ययन के लिए पहुंचते हैं .इस अभ्यारण को 1971 में सुरक्षित पक्षी अभ्यारण घोषित किया गया था बाद में 1985 में से विश्व धरोहर भी घोषित किया गया है.
Bharatpur पक्षी विहार का निर्माण कोई ढाई सौ साल पहले हुआ जिसका नामकरण केवलादेव शिव मंदिर के नाम पर रखा गया .यह मंदिर इसी विहार में स्थित है . Bharatpur के शासक महाराजा सूरजमल ने यहां अजान बांध का निर्माण कराया. यह बांध गंभीर व बानगंगा के संगम पर बनाया गया था .
किसी समय यह Bharatpur के महाराजाओं का पसंदीदा शिकार स्थल था. जिसकी परंपरा 1850 से भी पहले से थी यहां पर ब्रिटिश वायसराय के सम्मान में पक्षियों का सालाना शिकार आयोजित होता था .
Bharatpur में 1938 में करीब 4273 पक्षियों का शिकार एक ही दिन में भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड लिनलिथगो के समय किया गया. स्वतंत्रता के बाद भी 1972 तक भरतपुर के पूर्व राजा को उनके क्षेत्र में शिकार करने की अनुमति थी.
Bharatpur में पाए जाने वाले पक्षियों में शीत ऋतु में दुर्लभ जाति के पक्षियों का यह दूसरा घर बन जाता है .इनमें साइबेरियन सारस , शाह चकवा जल पक्षी ,लालसर बतक आदि जैसे दुर्लभ जाति के अनेकों पक्षी अपना बसेरा डालते हैं.
यहाँ पक्षी व जानवरों की 370 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान है. पक्षी विज्ञानी और प्रकृति प्रेमी डॉक्टर सलीम अली ने केवलादेव को राष्ट्रीय उद्यान बनाने के लिए काफी प्रयास किया .यह स्थान दुर्लभ साइबेरियन क्रेन के प्रजनन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है.
Bharatpur कब जाएं
नवंबर से फरवरी के महीने जाना ठीक रहता है यहां का तापमान काफी ठंडा और पक्षियों के अनुकूल होता है . इसी समय प्रवासी पक्षियों का यहां आगमन होता है
कैसे जाये
भरतपुर रेल मार्ग से मुंबई दिल्ली मार्ग से जुड़ा हुआ है .यहां से निकटतम हवाई अड्डा आगरा है.
अभ्यारण की सैर कैसे करें
Bharatpur अभ्यारण की सैर करने के लिए साइकिल किराए पर मिलती है .साइकिल रिक्शा चलाने वाले भी आपको सैर करवाते हैं जो गाइड का काम भी करते हैं. अभ्यारण में शोर बिल्कुल नहीं किया जा सकता इसलिए पेट्रोल डीजल के वाहन बिल्कुल नहीं चलते हैं.
कहाँ ठहरे क्या खायें
भरतपुर में तथा अभ्यारण पार्किंग के निकट कई होटल है .अपने अनुकूल होटल का चयन किया जा सकता है यहां पर नॉर्थ इंडियन खाने के साथ-साथ राजस्थानी भोजन उपलब्ध होता है.
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