Mandu मानसून में जाएंगे तो इतिहास की अनुगूँज तो सुनाई देगी ही हरियाली से आच्छादित किला आकर्षित करेगा
मध्य प्रदेश पर्यटकों के लिए स्वर्ग के समान है .यदि आप मानसून में मांडव जाएंगे तो यहां पर इतिहास की अनुगूँज तो सुनाई देगी ही हरियाली से आच्छादित किला आपको आकर्षित करेगा.
Mandu की फिजाओं में बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम की कहानी गूंजती है .जहाज महल और ऐसे अनेक ऐतिहासिक स्मारक है जो हिस्ट्री के चाहने वालों के लिए अलग-अलग कहानी प्रस्तुत करते हैं. मध्य प्रदेश के धार जिले छोटा सा कस्बा मांडव मध्य प्रदेश में देसी -विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.
यहाँ आने वाले लोग मांडव में मिलने वाली विशेष खुरासानी इमली ले जाना नहीं भूलते हैं . मांडव आदिवासी क्षेत्र से घिरा है . मांडव का किला अपने स्पेशल ट्राइबल कुजीन दाल -पानीये के लिए भी प्रसिद्ध है.
कैसे जाये
Mandu इंदौर के निकट है . इंदौर रेलवे स्टेशन से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है . प्रमुख हवाई अड्डा देवी अहिल्या इंदौर ही है. इंदौर भारत के सभी प्रमुख स्थानों से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है.
Mandu में कहां रुके क्या खाएं, कब जाये
मांडव में रुकने के स्थान की कमी नहीं है .कई अच्छी होटल , होमस्टे उपलब्ध है प्री बुकिंग करा कर जाने से ठीक रहेगा .
मांडव जा रहे हैं तो यहां के भोजन में में शाकाहारी दाल पानीया और मांसाहारी लोगों के लिए मुर्गी पानीया एक विशेष ट्राइबल डिश है . इसको ट्राई करना ना भूले .बाकी सभी तरह का खाना यहां उपलब्ध होता है.जुलाई से अक्टूबर के बीच हरियाली से अच्छादित रहता है मांडव यही समय यहाँ जाने का है .
Mandu में क्या देखें
मांडव में देखने के लिए कई स्थान है .यदि गाइड करके जाएंगे तो ऐतिहासिक इमारत के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी. मांडव इतिहास के विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराता है.मांडू में घूमने के लिए कई स्थान है.
इनमे प्रमुख है जहाज महल, हिंडोला महल, कपूर तालाब,रानी रूपमती का महल, बाज़ बहादुर का महल,चंपा बावड़ी, मुंज तालाब,नीलकंठ मंदिर, इको पॉइंट, अशर्फी महल, होशंगशाह का मकबरा, जामा मस्जिद आदि प्रसिद्ध है.
बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी
Mandu में बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी सुनने को मिलेगी .एक मुस्लिम राजा और एक हिंदू रानी का प्रेम और विवाह उस समय में हिंदू मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल प्रस्तुत करता है .बताया जाता है कि रानी रूपमती ने विवाह के पहले शर्त रखी थी कि वह मां नर्मदा की अनन्य भक्त हैं और बिना नर्मदा दर्शन किए भोजन नहीं करती है .उनकी यह शर्त पूरी करने के लिए बाज बहादुर ने काफी ऊंचाई पर रूपमती का महल बनाया .उसके सबसे उंचे शिखर से खड़े होने पर नर्मदा एक लकीर के रूप में दिखाई देती है . इसी स्थान पर जाकर रूपमती प्रतिदिन नर्मदा के दर्शन कर भोजन ग्रहण करती थी. इस कहानी पर फिल्म का निर्माण भी हुआ है.
…pl join our whatsup grouphttps://chat.whatsapp.com/HOUfDR0ooDIKyLpCkZN0o1
pl see this article also ;http://ट्राईबल बेल्ट MP का प्रमुख भोजन Dal paniya खाना हो तो झाबुआ अलीराजपुर का रुख करना होगा